कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थ: रोजमर्रा के भारतीय आहार
कैल्शियम शरीर के लिए सबसे जरूरी मिनरल्स में से एक है। हड्डियों और दांतों की मजबूती से लेकर मांसपेशियों के सही कामकाज तक, इसकी जरूरत हर उम्र में होती है। भारतीय खानपान में कैल्शियम के कई प्राकृतिक स्रोत मौजूद हैं जिन्हें रोज के आहार में शामिल करना आसान है।
क्यों जरूरी है कैल्शियम?
- हड्डियों का घनत्व बढ़ाने में मदद
- दांतों को स्वस्थ रखना
- मांसपेशियों की गतिविधि सुचारू बनाए रखना
- नर्वस सिस्टम को सपोर्ट करना
भारतीय डाइट में कैल्शियम के मुख्य स्रोत
1. दूध और डेयरी उत्पाद
- दूध: एक गिलास (200ml) में ~240mg कैल्शियम
- दही: प्रोबायोटिक्स के साथ कैल्शियम का अच्छा स्रोत
- पनीर: 100gm में लगभग 480mg कैल्शियम
- छाछ: पचने में आसान विकल्प
2. हरी पत्तेदार सब्जियां
- पालक: एक कप पकी पालक में 245mg कैल्शियम
- मेथी: हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए उत्तम
- सरसों का साग: पारंपरिक सर्दियों का सुपरफूड
3. तिल और मेवे
- तिल के बीज: 100gm में 975mg कैल्शियम
- अखरोट: ओमेगा-3 के साथ कैल्शियम
- बादाम: भीगे हुए बादाम सुबह खाने का फायदा
4. भारतीय अनाज और दालें
- रागी (फिंगर मिलेट): 100gm में 344mg कैल्शियम
- सोयाबीन: प्रोटीन और कैल्शियम का कॉम्बो
- चना: उबले चने या भुने चने के रूप में
5. मछली और अंडे
- सार्डिन मछली: छोटी हड्डियों के साथ खाने योग्य
- अंडे की जर्दी: संतुलित मात्रा में कैल्शियम
कैल्शियम अवशोषण के टिप्स
- विटामिन D से भरपूर आहार (धूप, अंडा, मछली) लें
- नमक और कैफीन की मात्रा कम रखें
- फाइटिक एसिड वाले अनाज को भिगोकर खाएं
कितना कैल्शियम चाहिए?
- बच्चे (1-9 वर्ष): 600-800mg/दिन
- किशोर और वयस्क: 1000mg/दिन
- गर्भवती महिलाएं: 1200mg/दिन
शाकाहारियों के लिए विकल्प
भारत में शाकाहारी आहार लेने वालों के लिए ये विकल्प उपयोगी:
- टोफू: सोया से बना पनीर
- सत्तू: चने के आटे का पारंपरिक पेय
- गुड़ के साथ तिल के लड्डू: पुरानी नुस्खा
बच्चों के लिए कैल्शियम स्रोत
- फलों के साथ दही
- चीला या डोसा बनाने में रागी का आटा
- मिल्कशेक में ड्राई फ्रूट्स पाउडर
कैल्शियम की कमी के लक्षण (थकान, मसल्स क्रैम्प, नाखून कमजोर) दिखने पर डॉक्टर से सलाह लें। भारतीय रसोई में मौजूद ये सामान्य चीजें आपकी दैनिक जरूरत पूरी कर सकती हैं।